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Thursday, May 24, 2012

True V/s Falls: no need to worry

संसार मात्र में दो चीजे है  सत् और असत् , शरीरी ( आत्मा ) और शरीर | इन दोनों में शरीरी तो अविनाशी है और शरीर विनाशी है ये दोनों ही अशोच्य ( चिंता न करने योग्य ) है अविनाशी का कभी विनाश नहीं होता और विनाशी का विनाश होता ही है अर्थात जो पैदा हुआ है उसका विनाश निश्चित है | इस लिए अविनाशी के लिए चिंता करने का कारण बनता ही नहीं और विनाशी एक पल के लिए भी स्थायी रूप से नहीं रहता इसलिए उसके लिए भी शोक करना या चिंता करने का कारण नहीं बनता | 

तात्पर्य हुआ की शोक करना अर्थात चिंता करना  न तो शरीरी के लिए  बन सकता है न ही शरीर के लिए बन सकता है शोक के होने में तो केवल अविवेक ( मूर्खता ) ही  कारण है |

this phrase declare only one meaning: there is no need to worry. God is every where and the objects are doing there duties very well on its places. 
we ll find same what we gave 

जिंदगी  एक गूँज की तरह है हमे वही वापस मिलता है जो हम देते है|


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